पंचकोशी परिक्रमा का चौथा पड़ाव नुआंव में, श्रद्धा और भक्ति में डूबे श्रद्धालु
बक्सर। बक्सर की प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा का चौथा पड़ाव बुधवार को नुआंव गांव पहुंचा, जहां श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। यहां प्रसाद स्वरूप परंपरागत रूप से मूली-सत्तू ग्रहण किया गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नुआंव गांव कभी उद्दालक ऋषि का आश्रम था, जहां माता अंजनी अपने बालक हनुमान जी के साथ निवास करती थीं। कहा जाता है कि पंचकोशी यात्रा के दौरान भगवान राम भी अगहन माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को यहां आए थे और उद्दालक ऋषि द्वारा उन्हें मूली-सत्तू का भोजन कराया गया था। तभी से यह स्थान पवित्र तीर्थ के रूप में पूजनीय बन गया। पंचकोशी परिक्रमा समिति के तत्वावधान में बसांव पीठाधीश्वर श्री अच्युत्प्रापन्नाचार्य जी महाराज के नेतृत्व में संत समाज की यात्रा निकाली गई। इस दौरान भक्तों के लिए भजन-कीर्तन और प्रसाद की व्यवस्था की गई। अंजनी सरोवर के चारों ओर श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की और माता अंजनी मंदिर में पूजा-अर्चना की। सरोवर के किनारे लगे मेले में बच्चों ने झूले और खिलौनों का आनंद लिया, वहीं ग्रामीणों और यात्रियों ने श्रद्धा के साथ खरीदारी भी की। नुआंव गांव इन दिनों पूरी तरह धार्मिक माहौल में डूबा हुआ है।










