लिट्टी-चोखा महोत्सव में उमड़ा आस्था का सैलाब, चरित्रवन में गूंजे जय श्रीराम के जयघोष
बक्सर। बक्सर के ऐतिहासिक चरित्रवन में इस वर्ष भी लिट्टी-चोखा महोत्सव बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस आयोजन को भव्य रूप दे दिया। लोकमान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने ताड़का वध और महर्षि विश्वामित्र का यज्ञ संपन्न करने के बाद इसी भूमि पर लिट्टी-चोखा बनाकर भोग लगाया था। उसी परंपरा को आज भी श्रद्धालु आस्था के साथ निभाते हैं। सुबह से ही रामरेखा घाट पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना का क्रम प्रारंभ हो गया। इसके बाद समूहों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे उपलों की आग पर लिट्टी-चोखा बनाकर भगवान को भोग लगाने लगे। हर गली और चौराहे पर उपलों का धुआं वातावरण को धार्मिकता और परंपरा से भर रहा था। प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पूरे क्षेत्र में विशेष व्यवस्था की थी। नालंदा, जमानिया, गहमर और अन्य जिलों से आई महिलाएं इस परंपरा को निभाने बक्सर पहुंचीं। उनके अनुसार यह न केवल प्रसाद है, बल्कि आस्था और गौरव का प्रतीक है। शहर में भारी भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रही, लेकिन पुलिस प्रशासन लगातार व्यवस्था संभालता रहा। लिट्टी-चोखा महोत्सव अब केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। यह पर्व भगवान राम की स्मृतियों को जीवित रखता है और बिहार की परंपरा, स्वाद और लोकसंस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देता है।










