श्री सिया-पिया महोत्सव में जीवंत हुआ पुष्प वाटिका प्रसंग, भक्त भावविभोर
बक्सर। बक्सर में आयोजित ऐतिहासिक श्री सिया-पिया मिलन महोत्सव का छठा दिन पूर्ण रूप से भक्तिमय वातावरण में बीता। विवाह महोत्सव आश्रम परिसर में रविवार को वैदेही वाटिका, जिसे पुरानी पुष्प वाटिका के रूप में भी जाना जाता है, का ऐसा जीवंत और मनमोहक मंचन किया गया कि हजारों श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। पूरा परिसर ‘जय श्रीराम’ और ‘जय जनकनंदिनी’ के जयघोष से लगातार गूंजता रहा। महोत्सव में धनुष यज्ञ से पहले का वह प्रसिद्ध मिथिला प्रसंग प्रस्तुत किया गया जिसमें महर्षि विश्वामित्र के साथ श्रीराम और लक्ष्मण फूल लेने हेतु जनक की पुष्प वाटिका में प्रवेश करते हैं। द्वार पर तैनात मालियों द्वारा राम-लक्ष्मण को रोकने और उनसे हंसी-ठिठोली भरी बातचीत ने माहौल को रोचक बना दिया। मालियों ने शर्त रखी कि ‘जनकनंदिनी की जय’ का उद्घोष किए बिना वे आगे नहीं बढ़ सकते। प्रारंभ में विनम्रता से मना करने के बाद श्रीराम ने मिथिला सम्मान में यह जयकारा लगाया, जिसके साथ ही पूरा सभागार तालियों और जयघोषों से भर उठा। इस मनोरम प्रस्तुति को देखने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु, महिलाएँ, साधु-संत और विभिन्न जिलों से आए भक्त एकत्र हुए। हर वर्ष की तरह इस बार भी पुष्प वाटिका प्रसंग महोत्सव का मुख्य आकर्षण बना रहा। इसी दिन खाकी बाबा की पुण्यतिथि पर नए बाजार स्थित आश्रम में भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी आस्था के साथ प्रसाद ग्रहण किया। दूर-दराज़ से आए भक्तों ने इसे आध्यात्मिक आनंद और आत्मिक संतोष से भर देने वाला अनुभव बताया।










